राजस्थान में लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है| क्षेत्रफल की दृष्टि से देखा जाए तो भारत का सबसे बड़ा राज्य राजस्थान है, जिसका क्षेत्रफल भारत के कुल क्षेत्रफल का 10.41 प्रतिशत है।
यहां कृषि लोगों की रोजी-रोटी का महत्वपूर्ण साधन है| राजस्थान में भरपूर मात्रा में कृषि की जाती है | भूमि के उपजाऊ होने के कारण कृषक अन्य अन्य प्रकार की सुअपनी सुविधा के अनुसार फसल बोते है | राजस्थान में कृषि वर्षा आधारित है। किसानों के लिए खेती करना काफी चुनौतियों से भरा भी है वर्षा की कमी की वजह से उन्हें पानी की समस्या से सामना करना पड़ता है | इसके बावजूद भी यहां खाद्यान उत्पादन में वृदि्ध देखी गई है। महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय के छात्र नरेन्द्र यादव ने इस बात की पुष्टि करी है| 2022-23 में कृषि और कृषि संबद्ध क्षेत्रों ने राजस्थान के सकल राज्य मूल्य में मौजूदा कीमतों पर (जीएसवीए) 28.95 प्रतिशत योगदान दिया है, जो 2011-12 में 28.56 प्रतिशत था। राजस्थान की 7 करोड़ जनसँख्या में से 1 करोड़ 36 लाख खेतिहर कृषक हैं, जो की 49 लाख श्रमिको को रोजगार प्रदान करते हैं।
अध्ययन करने से पता चला है कि 2011-12 में राजस्थान में कुल खाद्यान्न उत्पादन 178.38 लाख टन था,जो 2022-23 में बढ़कर 253.99 लाख टन तक हो गया। अध्ययन करने वाले छात्र ने बताया कि इस अध्ययन में कृषि के क्षेत्र में भढ़ोतरी नजर आई है, जो की सुखद पहलू है जिस वजह से कृषि के क्षेत्र में बजट भी बढ़ाया गया है।
फलों और सब्जियों के उत्पादन में विकास
11 साल में 254 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन राजस्थान में बढ़ा, फल सब्जी, मसाले के उत्पादन में बढ़त | आर्थिक सर्वेक्षण के अध्ययन करने से सामने आया कि वर्ष 2011-12 की तुलना में वर्ष 2021-22 में फलों और सब्जियों के क्षेत्रफल और उत्पादन में तेजी से वृद्धि हुई है। लेकिन इन 10 सालों की अवधि में मसालों की खेती का क्षेत्र कम हो गया है, लेकिन अधिक उपज देने वाली फसलों के कारण उत्पादन में विकास हुआ है।
सिंचाई जल की कमी, फिर भी उत्पादक राज्य
राजस्थान में सिंचाई जल की कमी है। इसके बावजूद ये सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। राजस्थान में पानी की कमी की समस्या से निजात पाने के लिए खेत तलाई, सूक्ष्म सिंचाई अनुदान का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।